मै जैसा भी होता हूँ
उसको अच्छा लगता हूँ
मै कांटोमे रहता हूँ
जंगल में भी खिलता हूँ
तुज़को मिलते ही मिलते
मै खूदको भी मिलता हूँ
मै और तू भी एक उसीके
सबको अलग क्यों दीखता हूँ ?
तेरे प्यारकी खुश्बो से
मन मधुबन महेंकाता हूँ
जाँ भी तुं इमाँ भी तुं
तेरा अमृत पाता हूँ
और नही कोई हसरत है
जिस पल तुज़को पाता हूँ
भारत माँ का बेटा हूँ
ना पैसोमें बिकता हूँ
मै ना हिन्हू या मुस्लिम
मै इंसान कहलाता हूँ
सपना टूटा अच्छा है
सपनों से क्या पाता हू ?
जीवनमे जो कुछ पाया
गीत उसीके गाता हूँ
कितना हूँ मै खुशनसीब
प्यार प्रभुका पाता हूँ
मेरा क्या है जो लिख्खु
सुनाये तू वो लिखता हूँ
-दिलीप गज्जर२७ अगस्त २०११
जीवनमे जो कुछ पाया
गीत उसीके गाता हूँ
कितना हूँ मै खुशनसीब
प्यार प्रभुका पाता हूँ
मेरा क्या है जो लिख्खु
तूँ सूना दे लिखता हूँ
Yes..Dilipbhai a Nice One in Hindi.
And the Above Words from your Rachana….touching !
It is this realisation of the Divine that leads to the Salvation !
DR. CHANDRAVADAN MISTRY
http://www.chandrapukar.wordpress.com
Inviting YOU & ALL to my Blog Chandrapukar !
બહોત અચ્છે….
जीवनमे जो कुछ पाया
गीत उसीके गाता हूँ
कितना हूँ मै खुशनसीब
प्यार प्रभुका पाता हूँ
मेरा क्या है जो लिख्खु
सुनाये तू वो लिखता हूँ
Thanks Devikaji and Chandravadanbhai…
પિંગબેક: मै जैसा भी होता हूँ, उसको अच्छा लगता हूँ | | GujaratiLinks.comGujaratiLinks.com
भवदीय महोदय श्री दिलीपजी,
जीवनमे जो कुछ पाया
गीत उसीके गाता हूँ
कितना हूँ मै खुशनसीब
प्यार प्रभुका पाता हूँ
आपने मनभावन शब्दों परोस कर अपने दिलकी
हर बात पृष्ठ पन्नो पर लहराई हे. ……..धन्यवाद
जीवनमे जो कुछ पाया
गीत उसीके गाता हूँ
कितना हूँ मै खुशनसीब
प्यार प्रभुका पाता हूँ
मेरा क्या है जो लिख्खु
सुनाये तू वो लिखता हूँ
-दिलीप गज्जर२७ अगस्त २०११
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શ્રી દિલીપભાઈ
પ્રેમ અને ઉદ્દાત ભાવના સભર આ હિન્દી ગીત હૃદય સ્પર્શી છે.
આપે માનવતાને એક અનોખી ગરિમાથી વધાવી છે. ખૂબ જ સુંદર રચના.
રમેશ પટેલ(આકાશદીપ)